Latest Jain Stavan Lyrics

Latest Jain Stavan lyrics

Latest Jain Stavan Lyrics – जैन स्तवन लिरिक्स

जय जिनेंद्र भजन हिंदी में - सुकून मिलता है जय जिनेंद्र कहने से

सुकून मिलता है जय जिनेन्द्र कहने से…

दुःख के बादल छट जाते है जय जिनेन्द्र कहने से…

तन झूमने लगता है जय जिनेन्द्र कहने से…

खुशियां मिलती है जय जिनेन्द्र कहने से…

दर्द दूर हो जाता है जय जिनेन्द्र कहने से…

सहारा मिलता है हारे को जय जिनेन्द्र  कहने से…

मंजिल मिल जाती है जय जिनेन्द्र  कहने से…

बड़ों का आशीर्वाद मिलता है जय जिनेन्द्र कहने से…

मेरे महावीर के दर्शन मिल जाते  है जय जिनेन्द्र कहने से…

हँसते हुए आचार्य विद्या सागर नजर आते है जय जिनेन्द्र कहने से..!!

आप को हाथ जोड़ कर मेरा….

जय जिनेंद्र

बरसा पारस सुख बरसा आंगन-2 सुख बरसा

बरसा पारस, सुख बरसा,

आंगन-2 सुख बरसा

चुन-2 कांटे नफरत के,

प्यार अमन के फूल खिला… बरसा पारस..

द्वेष–भाव को मिटा,

इस सकल संसार से,

तेरा नित सुमिरन करें,

मिल–जुल सारे प्यार से,

मानव से मानव हो ना जुदा… आंगन-2

झोलियां सभी की तु,

रहमों–करम से भर भी दे,

पीर–पर्वत हो गई,

अब तो कृपा कर भी दे,

मांगे तुझसे ये ही दुआ… आंगन-2

कोर्इ मन से है दुखी,

कोर्इ तन से है दुखी,

हे प्रभु ऐसा करो,

कुल जहान हो सुखी,

सुखमय जीवन सबका सदा… बरसा पारस…..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *